भारत में प्रमुख कृषि क्रांति और सम्बन्धित उत्पादन
भारत में प्रमुख कृषि क्रांति में हरित कृषि क्रांति से कृषि क्रांति का दौर माना जाता है
भारत की कृषि –भारत के कुल क्षेत्रफल के 51 % भाग पर खेती, 4 % भाग पर चारागाह, 21 % भूमि पर वन एवं 24 % भूमि बंजर तथा बिना उपयोग की भूमि है। कृषि भारतीय अर्थव्यवस्था की रीढ़ है।
ऋतुओ के आधार पर फसलो का वर्गीकरण
- रबी की फसल– यह फसल अक्टूबर-नवंबर में बोई जाती है । मार्च-अप्रैल में काटी जाती है । जैसे- गेहूं, जौ, चना, मटर, सरसों, आलू, राई इत्यादि ।
- खरीफ की फसल– यह फसल जून-जुलाई में बोई जाती है और नवंबर-दिसंबर में काट ली जाती है । जैसे- धान, गन्ना, तिलहन, कपास, मक्का, तिल, ज्वार, बाजरा इत्यादि ।
- जायद की फसल– मार्च से अप्रैल के मध्य बोई जाती हैं एवं जुन-जुलाई में काटी जाती हैं। इसके अंतर्गत सब्जियां, मक्का, खरबूज, तरबूह, अरबी, तरककड़ी, भिंड़ी आदि आती हैं।
- नकदी फसल– वह फसल जो व्यापार के उद्देश्य से किसानों द्वारा की जाती है । जैसे- कपास, गन्ना, तंबाकू, जूट इत्यादि ।
भारत में प्रमुख कृषि क्रांति और सम्बन्धित उत्पादन की सूची
क्र. सं. | क्रांति | उत्पादन -सम्बन्ध |
1 | हरित क्रांति | खाद्यान्न उत्पादन |
2 | श्वेत क्रांति | दुग्ध उत्पादन |
3 | पीली क्रांति | तिलहन उत्पादन |
4 | भूरी क्रांति | उर्वरक उत्पादन |
5 | नीली क्रांति | मत्स्य उत्पादन |
6 | लाल क्रांति | टमाटर/मांस उत्पादन |
7 | गुलाबी क्रांति | झींगा मछली उत्पादन |
8 | बादामी क्रांति | मासाला उत्पादन |
9 | सुनहरी क्रांति | फल उत्पादन |
10 | रजत क्रांति | अंडा उत्पादन |
11 | कृष्ण क्रांति | बायोडीजल उत्पादन |
12 | अमृत क्रांति | नदी जोड़ो परियोजनाएं |
13 | काली क्रांति | पेट्रोलियम उत्पादन |
14 | गोल्डन फाइबर क्रांति | जूट उत्पादन |
15 | स्वर्ण क्रांति | फल /शहद उत्पादन |
16 | सिल्वर फाइबर क्रांति | कपास उत्पादन |
17 | सदाबहार क्रांति | कृषि से/ जैव तकनीकी |
18 | धुसर/स्लेटी क्रांति | सीमेंट |
19 | इंद्रधनुषीय क्रांति | सभी क्रांतियो पर निगरानी रखने हेतु |
20 | सनराइज/सुर्योदय क्रांति | इलेक्ट्रॉनिक उधोग के विकास के हेतु |
21 | सेफ्रॉन क्रांति | केसर उत्पादन से |
22 | स्लेटी/ग्रे क्रांति | उर्वरको के उत्पादन से |
23 | खाद्द श्रंखला क्रांति- | भारतीय कृषकों की 2020 तक आमदनी को दुगुना करने से |
24 | व्हाइट गॉल्ड क्रांति | कपास उत्पादन से (तीसरी क्रांति) |
25 | ग्रीन गॉल्ड क्रांति | चाय उत्पादन से |
26 | खाकी क्रांति | चमड़ा उत्पादन से |
27 | परामनी क्रांति | भिन्डी उत्पादन से |
28 | मूक क्रांति | मोटे अनाजों के उत्पादन से |
29 | हरित सोना क्रांति | बाँस उतपादन से |
30 | गंगा क्रांति | भ्रष्टाचार के खिलाफ सदाचार पैदा करने हेतु (जोहड़े वाले बाबा/वाटर मैन ऑफ इंडिया/राजेन्द्र सिंह )द्वारा |
31 | N.H.क्रान्ति- | स्वर्णिम चतुर्भुज योजना से |
- भारत में हरित क्रांति की शुरुआत 1966-67 ई0 मेंहुई थी, तथा भारत में इसके अग्रदूत एम0 एस0 स्वामीनाथन को माना जाता है, तथा विश्व में इसका जनक नार्मन ई0 बोरलॉग को माना जाता है।
- हरित क्रांति का सबसे अधिक प्रभाव चावल और गेहूं फसल पर पड़ा । परन्तु चावल की तुलना में गेंहू के उत्पादन में अधिक वृद्धि हुई ।
- केसर का एकमात्र उत्पादक राज्य जम्मू-कश्मीर है।
- भारत मेंदुग्ध उत्पादन में श्वेत क्रांति लाने का श्रेय डॉ. वर्गीज कुरियन जाता है।
- भारत में नीली क्रांति जनक अरुण कृष्णन हैं।
- भारत में गुलाबी क्रांति का जनक दुर्गेश पटेल हैं।
- भारत में स्वर्णिम क्रांति का जनक निर्पख तुतेज हैं।
- भारत में लाल क्रांति का जनक विशाल तिवारी हैं।
- भारत में सिल्वर क्रांति का जनक इंदिरा गाँधी हैं।
- दुग्ध उत्पादन में भारत का प्रथम स्थान है।
- भारत में सर्वोत्तम चाय दार्जिलिंग पैदा की जाती है।
- स्वच्छ जलीय मछली का उत्पादन करने वाला राज्य पं. बंगाल है।
- भारत का उर्वरक उत्पादन में विश्व में तीसरा स्थान है।
- फल उत्पादन में भारत का द्वितीय स्थान है।
- सब्जी उत्पादन में भारत का द्वितीय स्थान है।
- पंजाब राज्य को ‘भारत का धान्य भंडार’ कहा जाता है।